आधुनिक भारत का इतिहास
|| बंगाल के गवर्नर ||
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1772 ईस्वी तक कंपनी का कार्य संचालन बंगाल के गवर्नर के द्वारा किया जाता था 1772 ईस्वी से 1835 ईस्वी तक बंगाल का गवर्नर गवर्नर जनरल बन गया फिर 1833 से अट्ठारह सौ सत्तावन ईसवी के बीच वह भारत का गवर्नर जनरल कहा जाने लगा 18 सो 57 की क्रांति के बाद भारत के गवर्नर जनरल का पद समाप्त कर वायसराय नामक इन्हें पद का सृजन किया गया पुनः 1935 के भारत शासन अधिनियम से भारत का गवर्नर जनरल पद बहाल किया गया!
बंगाल के गवर्नर में सबसे पहले नाम आता है लॉर्ड क्लाइव का!
लॉर्ड क्लाइव( 1757-60 ईसवी 1765- 67 ईसवी)
प्लासी की विजय 1757 ईस्वी के बाद लॉर्ड क्लाइव को बंगाल का गवर्नर बनाया गया क्लाइव ने बक्सर के युद्ध 1764 में सफलता हासिल करने के बाद 1765 ईस्वी में बंगाल में द्वैध शासन व्यवस्था लागू किया जो 1772 ईस्वी तक चलता रहा इसी के कार्यकाल में श्वेत विद्रोह भी हुआ था!
इसकी प्रथम श्रेणी कूटनीति 1754 ईस्वी में आरकाट के किले की किलेबंदी किस में दिखी थी आलमगीर द्वारा इसे उमरा की उपाधि दी गई थी प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ एकमण्ड वर्क ने क्लाइव को बड़ी-बड़ी नींव रखने वाला कहा था!
लॉर्ड क्लाइव के बाद बंगाल के गवर्नर
हालवेल (1760)
इसने ही ब्लैकहोल की घटना का वर्णन किया था!
विंसीटार्ट (1760 से 65)
बक्सर के युद्ध के समय विंसीटार्ट को बंगाल का गवर्नर बनाया गया था!
वेरेलस्ट
द्वैध शासन के समय यह बंगाल का गवर्नर था!
कार्टियर 1769 से 1772)
कार्टियर के काल में ही बंगाल में आधुनिक भारत का प्रथम अकाल पड़ा था!
वारेन हेस्टिंग्स (1772 से 74)
वारेन हेस्टिंग्स बंगाल का अंतिम गवर्नर था इसी के काल में बंगाल का गवर्नर गवर्नर जरनल हो गया इसमें बंगाल में द्वैध शासन व्यवस्था को समाप्त कर दिया था!
================आगे की जानकारी के लिए बने रहिए APEX STUDY CG साथ!
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