भारत के गवर्नर जनरल
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लॉर्ड विलियम बेंटिक(1828-35)
लॉर्ड विलियम बेंटिक जुलाई 1888 में बंगाल के गवर्नर जनरल का कार्यभार संभाले थे बेटिंग भारत के प्रथम गवर्नर जनरल बने थे!
लॉर्ड विलियम बेंटिक के काल में अनेक सामाजिक ,न्यायिक, शैक्षणिक क्षेत्रों में कई प्रकार के सुधार हुए! बैंटिक ने सती प्रथा के खिलाफ कानून बनाकर सती प्रथा को अवैध घोषित कर दिया था 1829 में!
शुरू में है कानून केवल बंगाल प्रेसिडेंसी में लागू किया गया था परंतु 1830 ईस्वी में इसे मुंबई तथा मद्रास प्रेसिडेंसी हो में भी लागू किया गया! ठगी प्रथा की समाप्ति के लिए बेंटिक में कर्नल स्लीमैन की नियुक्ति की तथा कर्नल स्लीमैन की सहायता से ठगी प्रथा का अंत किया 1830 में!
लॉर्ड विलियम बेंटिक में नरबलि प्रथा तथा राजपूतों में लड़कियों की शिशु हत्या पर भी प्रतिबंध लगाया था!
लॉर्ड विलियम बेंटिक के काल में 1835 में मैकाले की अनुशंसा पर अंग्रेजी शिक्षा पद्धति लागू कर दी गई तथा इसमें इनफील्ट्रेशन पद्धति को अपनाया गया ! 1833 ईस्वी में ही कोलकाता में प्रथम मेडिकल कॉलेज की स्थापना लॉर्ड विलियम बेंटिक के कार्यकाल में की गई थी!
बर्ड के कार्यकाल में न्यायालयों में फारसी भाषा के स्थान पर देशी भाषाओं को अपनाया गया!
लॉर्ड विलियम बेंटिक के समय में ही पहली बार माल्टिंग बाढ़ की देखरेख में मानचित्र और पंछियों के आधार पर महालवाड़ी व्यवस्था को नया रूप दिया गया इसलिए बर्ड को उत्तरी भारत की भाषा का जनक माना जाता है!
1833 का चार्टर एक्ट की धारा 87 ए के द्वारा इसी के काल में सरकारी सेवाओं में भेदभाव का अंतर समाप्त किया गया!
लॉर्ड विलियम बेंटिक के कार्यकाल में आगरा को नई प्रेसिडेंसी बनाया गया तथा विभागीय कमिश्नर यानी कि मंडलायुक्त का पद सृजित किया गया!
सर चार्ल्स मेटकाॅफ(1835-36)
अग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी के योगदान सेवकों में से एक नाम चार्ल्स मेटकाॅफ का भी आता है !1809 में रणजीत सिंह के साथ इन्होंने अमृतसर संधि में संबंधित बातचीत की थी, मात्र 1 वर्ष तक भारत के गवर्नर जनरल के पद पर कार्य करने वाले चार्ल्स मेटकॉफ ने प्रेस पर से नियंत्रण हटा दिया, समाचार पत्र पर से प्रतिबंध हटाने के कारण इसे समाचार पत्रों के मुक्तिदाता के रूप में जाना जाता है चार्ल्स मेटकाॅफ एक कार्यकारी गवर्नर थे!
लॉर्ड ऑकलैंड (1836-42)
ऑकलैंड के समय प्रथम आंग्ल अफगान युद्ध (1838 - 42 )ईसवी के मध्य हुआ ऑकलैंड के समय में ही त्रिपक्षीय संधि हुई इस संधि में शाहसुजा, रणजीत सिंह तथा अंग्रेज शामिल थे इसी के काल में शेरशाह सूरी मार्ग का नाम बदलकर जीटी रोड ग्रांड ट्रंक रोड रख दिया गया था!
लॉर्ड एलनबरो (1882 से 44)
लॉर्ड एलनबरो के समय में 1843 में सिंध का विलय किया गया! एलनबरो 1843 ईसवी के अधिनियम 5 द्वारा दास प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया था इसके काल को कुशल अकर्मण्यता की नीति का काल कहा जाता है!
लॉर्ड हार्डिंग (1844 -1848)
लॉर्ड हार्डिंग के काल में 1844 में एक सरकारी आदेश लाया गया, जिसके अनुसार सरकारी पदों पर आवेदन के लिए अंग्रेजी का ज्ञान होना आवश्यक कर दिया गया!
प्रथम आंग्ल सिख युद्ध 1846-48 लड़ा गया तथा लाहौर की संधि की गई इसने उड़ीसा में खोण्ड जनजाति के बीच प्रचलित नरबलि प्रथा को समाप्त कर दिया जिस कारण खोंड विद्रोह हुआ था इसी की काल में शिशु हत्या पर भी रोक लगाई गई थी!
लॉर्ड डलहौजी (1848-56)
36 वर्ष की आयु में लॉर्ड डलहौजी भारत का गवर्नर जनरल बना इसने 1852 में पंजाब पर अधिकार कर लिया द्वितीय आंग्ल बर्मा युद्ध में लोवर वर्मा तथा पीगू का विलय कर दिया डलहौजी ने 1850 ईसवी में सिक्किम राज्य के कुछ दूरवर्ती प्रदेशों जैसे दार्जिलिंग आदि को शामिल कर भारत में मिला लिया!
द्वितीय आंग्ल सिख युद्ध 1848 में सिखों को पराजित कर पंजाब को ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लिया तथा कोहिनूर छीन लिया!
लॉर्ड डलहौजी का शासनकाल व्यपगत सिद्धांत के कई मामलों में लागू करने के लिए प्रसिद्ध है डलहौजी ने 1848 में सतारा, 1840 में जैतपुर तथा संबलपुर, 1850 में बघाट, 1852 मे उदयपुर 1853 में झांसी ,1854 नागपुर को अंग्रेजी राज्य में मिला लिया! 1856 ई. में अवध को कुशासन का आरोप में विलय कर लिया गया!
डलहौजी ने भारत में तार तथा रेल विभाग को अत्यंत महत्व दिया उसके काल में भारत में 1853 में प्रथम रेलवे लाइन मुंबई से ठाणे एवं दूसरी रेलवे लाइन 1854 ईसवी में कोलकाता से रानीगंज के बीच बिछाई गई डलहौजी के काल में प्रथम विद्युत तार सेवा कोलकाता से आगरा के बीच में प्रारंभ की गई थी!
1854 ईसवी का चार्ल्स वुड का डिस्पैच जो विश्वविद्यालय शिक्षा से संबंधित था लॉर्ड डलहौजी के समय में पारित हुआ जिसे आधुनिक शिक्षा का मैग्नाकार्टा कहा जाता है!
आधुनिक काल की डाक व्यवस्था का आधार भी लॉर्ड डलहौजी के काल में ही निश्चित किया गया था डलहौजी ने डाक विभाग में सुधार करते हुए 1854 ईसवी में नया पोस्ट ऑफिस एक्ट पास किया था!
लॉर्ड डलहौजी ने पहली बार एक सार्वजनिक निर्माण विभाग बनाया! गंगा नहर का निर्माण कर 1854 में से सिंचाई के लिए खोल दिया!
डलहौजी ने जीटी रोड का निर्माण कार्य पुनः प्रारंभ करवाया था पंजाब में बारी दोआब नहर का निर्माण कार्य आरंभ कराया संथाल विद्रोह 1855-56 तथा विधवा पुनर्विवाह विधेयक ला इसे काल की महत्वपूर्ण घटनाएं थी!
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